साधना में स्वास्थ्य का मूल्य: दिनांक: 24/3/25 : Vavaaniya
Peace of Mind

साधना में स्वास्थ्य का मूल्य: दिनांक: 24/3/25 

"स्वस्थ व्यक्ति के माथे पर चमकती ऊर्जा को कोई बीमारी छू भी नहीं सकती।"

जो अपने स्वास्थ्य के लिए समय नहीं निकालता, उसे बीमारी के इलाज के लिए समय निकालना ही पड़ता है! जब तक बीमारी होती है, तब तक दुनिया को कैसे बदला जा सकता है? स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आज के युग में हमें अधिक सक्रिय रहना पड़ेगा। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और मशीनरी बढ़ी है, वैसे-वैसे शारीरिक श्रम कम हो गया है। इसके लिए हमें अलग से प्रयास करने होंगे। दौड़ना, साइकल चलाना, दौड़-दौड़ कर योगासन करना, ऐसा कुछ न कुछ प्रतिदिन 32 मिनट तक अवश्य करना चाहिए। इस तरह के प्रयासों से शरीर के भीतर के आंतरिक तंत्रों का अच्छा संचालन होता है। आज वैज्ञानिक शोधों द्वारा यह सिद्ध हुआ है कि लगातार 32 मिनट की हार्ट रेट (हृदय गति) से चलने वाली गतिविधियों से शरीर में नये कोशिकाओं का निर्माण होता है।

 

आज के तेज रफ्तार वाले डिजिटल युग में मानसिक ध्यान का महत्त्व और भी बढ़ गया है। लगातार 32 मिनट तक ध्यान करना डोपामाइन तथा सिरोटोनिन नामक हार्मोन के स्राव को बढ़ाता है, जिससे चिंता, भय कम होता है, याददाश्त बढ़ती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है। इसलिए प्रतिदिन 32 मिनट का ध्यान स्वास्थ्य के साथ चमत्कारी परिणाम देने वाला सिद्ध हुआ है।

जो लोग नियमित साधना करते हैं, उन्हें दवाइयों की आवश्यकता कम पड़ती है, उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और उनके जीवन में आनंद बना रहता है। साधना के बिना, भले ही बड़ी-बड़ी सफलताएँ मिल जाएँ, परन्तु वास्तविक सुख और संतोष नहीं मिल सकता। इसलिए प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट ध्यान अवश्य करना चाहिए। यही आज का स्वास्थ्य का संदेश है...!

 

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