My Life Lesson: जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है
Peace of Mind

दीपक रमोला कहते है : जिंदगी जो कुछ सिखाती है - ध्यान लगा कर शिखो। दुनिया के हर इन्सान के अनुभव में किसी न किसी परेशानी का हल छिपा हुआ है। हरेक को पूछो - जिंदगी ने आपको क्या शिखाया है? दुनिया की जन संख्या ७ अरब से भी ज्यादा है। इसका मतलब दुनिया में सात अरब गलतियां है जिनसे आप कुछ शिख सकते हैं, ७ अरब लाइफ लेशन है, जिनका सहारा लेकर आप हर मुश्किल का सामना क्र सकते हैं। किसी को बिना मिले आप उनकी जिंदगी बदल सकते हैं। रोज सुबह आपके आयने में आपका चहेरा आपको सरप्राइज़ कर सकता है तो आपकी जिंदगी अच्छी चल रही है। एक आयना  बनाओ - देखो - चार मिनिट में २०० नई चीजे अपने चहेरे में ढूंढो  जो आपको ख़ुशी दे सके। समाज के बुद्धिजीवी और अनपढ़ लोको को साथ रख कर, पढ़ा जाए तो हमारी बड़ी से बड़ी परेशानी का हल आसानी से मिल जाएगा। अपने परिवार या दोस्तों के साथ बैठे तो पूछे कि जिँदगीने उन्हें क्या शिखाया ? 

- इज्जत इंसान की होनी चाहिए - काम की नहीं। 

- थोड़ा आराम मानसिक शक्ति बढ़ाता है। 

- अनजान चीजों से नफरत मत कीजिये।  

-  कोई भी दुःख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं है, वही हारा है, जो लड़ा नहीं। 

- आपका हुन्नर आपको तोहफा के रूप में नहीं मिला है, किन्तु जिम्मेदारी के रूप में सौंपा गया है। आप उन्हें पूरे सन्मान से नहीं निभाते है तो सन्मान नहीं मिलेगा। मूड से नहीं, जिम्मेदारी से निभाए। 

 

इस तरह जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है। मैंने बहुत शिखा है इस जिंदगी से।  एक कविता के साथ  - 

उम्र के सारे खेल खेल कर,

बूरे भले सब दर्द झेल कर,

डूब डूब कर उभर उभर कर,

जीत जीत कर हार हार कर,

फुरसत की दो घडियो में,

जब इस दिल ने सांस ली,

जीवन की सच्चाई सारी जान ली। 

मान लिया कि खुशियाँ बन कर, 

कभी लम्हो को गुद गुदाती है, 

कभी गमो की बाँह पकड़ लचकाती है, 

जिंदगी कितना कुछ सिखाती है। 

सुनी सहमी रातो में चाहा कि दिन आबाद रहे, 

कोई अपना कोई पराया दो कदम तो साथ चले, 

कभी भीड़ में गुम हो जाता कभी तन्हाई का जशन मनाता 

मन ही यह मन को समज़ाता। 

कभी पल भर में मंज़िलो तक पहोचाती है,

कभी एक ही मोड़ सो दफा दोहराती है,

यह जिंदगी है, और जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है,

बहुत कुछ सिखाती है। 

 

- अपने साथ थोड़ा वक्त जरूर गुजारो, क्योकि आपसे बेहतर कोई नहीं है। 

- कभी किसी से घृणा मत करो - सब से प्रेम करो - सब अच्छे है - सब प्रेम करने योग्य है - खुद से भी प्रेम करो। जो खुद को प्रेम करता है - वो सब से प्रेम कर सकता है। प्रेम का विस्तार सब प्रोब्लेम का एक समाधान है।   

समण श्रुतप्रज्ञजी 

Add Comment