ध्यान की यात्रा प्रारंभ - ववाणिया - पहला दिन २१ मार्च २०२५
Peace of Mind

ववाणिया, 21 अप्रैल 2025

मैं 21 अप्रैल से 27 अप्रैल 2025 तक सौराष्ट्र की साधना भूमि ववाणिया में हूँ। यहाँ तीन प्रमुख महापुरुष हुए - एक: श्रीमद राजचंद्र, दो: रामबाई मां और तीन: नीब करौरी बाबा। यहाँ इन तीनों महापुरुषों के आश्रम पास-पास स्थित हैं। ववाणिया एक तपोभूमि है, साधना की भूमि है, और ज्ञानियों की भूमि है। इन महापुरुषों ने यहाँ गहरी साधना की और आत्मज्ञान प्राप्त किया।

यहाँ साधना करना जीवन का एक अमूल्य अनुभव है। आज मेरा साधना का पहला दिन है। पहला दिन पूर्ण होने को है। मैं रामबाई मां आश्रम में ठहरा हूँ। सेवाभावी जैसंगभाई मेरे साथ हैं। साधना में अत्यंत आनंद की अनुभूति हो रही है।

रोज सुबह 5:30 से 6:30 ध्यान, 6:30 से 7:30 वॉकिंग, 9 से 12 और 3 से 6 मौन, और 7 से 9 विभिन्न ध्यान स्थलों पर ध्यान साधना होती है। हर शाम को नीब करौरी बाबा के मंदिर में जाकर ध्यान में बैठने का भी सौभाग्य मिलता है। श्रीमद राजचंद्रजी को जहाँ जाति स्मरण ज्ञान प्राप्त हुआ था, वहाँ भी ध्यान में बैठने का अवसर मिलता है।

रामबाई मां आश्रम में उत्तम व्यवस्था है, सेवक अत्यंत सहयोगी हैं। आश्रम के मुख्य ट्रस्टी जशुभाई राजकोट में रहते हैं। साधना का पहला दिन बहुत ही आनंदमय रहा।

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