मित्रता और अच्छे लोगो का मिलना जीवन का सौभाग्य है। मित्रता के बिना जीवन अधूरा और निरस है। सुख दुःख में, समय पर सलाह लेने में, मन की भावनाएँ व्यक्त करने में और जीवन का आनंद शेर करने में ऐसे मित्र जीवन के लिए सकून साबित होते हैं। मित्रता की पहचान एवं कसौटी संकट की घडी में होती है। इसके साथ यह भी सच है कि स्वार्थ वृत्ति मित्रता को नष्ट कर देती है। अपने स्वार्थ के लिए मित्रता का कभी भी दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। मित्रता निखालिस होनी चाहिए।
में अपनी जिंदगी में दृष्टिपात करता हूँ तो मेरे जीवन में ऐसे बहुत कम मित्र है। कुछ मित्र शिष्य जैसे है, कुछ मित्र सच में मित्र है, मैं उन्हें मित्रता दृष्टि की देखता हूँ। भारत से ज्यादा भारत के बहार के लोग मेरे से काफी नजदीकी रखते है।