यदि यह जीवन फिर मिले तो!
यदि यह जीवन फिर मिले तो!

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Book # 65: जिंदगी पूरी जी लेने के बाद हर मानवी को लगता है कि जो करना चाहता था वो तो कर ही नहीं पाया। जिंदगी पूरी होने के पहले व्यक्ति को जाग जाना चाहिए और जो करना चाहते है उसमे लग जाना चाहिए। सवाल यह है कि क्या करना चाहिए, यही बहुतो को मालूम नहीं होता है। सिंगापुर में संजयजी एवं ऋतुजी मोहनोत के निवास स्थान पर दिए गए प्रवचन में यही समजाया गया है कि क्या करना चाहिए ताकि मृत्यु के पहले आनंद से जी सके एवं अफ़सोस के साथ मरना न पड़े। साधना से जिए और समाधि से विदा हो उसके लिए पढ़े समण श्रुतप्रज्ञ जी के इस संक्षिप्त प्रवचन को,जीवन की दिशा बदलेगी ऐसा विश्वास है।

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